क़दम क़दम बढ़ाए जा सुभाष चन्द्र बोस द्वारा संगठित आज़ाद हिन्द फ़ौज का तेज़ क़दम ताल गीत था। इसके बोल सन् 1942 में कप्तान राम सिंह ने लिखे थे। आगे चलकर यह भारत में एक बहुत लोकप्रीय देशभक्ति का गीत बन गया।
कदम कदम बढ़ाये जाखुशी के गीत गाये जाये जिंदगी है क़ौम कीतू क़ौम पे लुटाये जा
तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़मरने से तू कभी न डरउड़ा के दुश्मनों का सरजोश-ए-वतन बढ़ाये जाकदम कदम बढ़ाये जाखुशी के गीत गाये जाये जिंदगी है क़ौम कीतू क़ौम पे लुटाये जा
हिम्मत तेरी बढ़ती रहेखुदा तेरी सुनता रहेजो सामने तेरे खड़ेतू खाक में मिलाये जा
कदम कदम बढ़ाये जाखुशी के गीत गाये जाये जिंदगी है क़ौम कीतू क़ौम पे लुटाये जा
चलो दिल्ली पुकार केग़म-ए-निशाँ संभाल केलाल क़िले पे गाड़ केलहराये जा लहराये जा
कदम कदम बढ़ाये जाखुशी के गीत गाये जाये जिंदगी है क़ौम कीतू क़ौम पे लुटाये जा