Chapter 12: दोहे
ज्ञान सागर
शब्द शब्दार्थ
कागा कौवा
काको किसे
हरै छीनता है
गहि ग्रहण करना
थोथा बेकार की वस्तु
मनुआ मन
बेपरवाह चिंता मुक्त
कछु कुछ
साहन के साह राजाओं के राजा
परहित दूसरों की भलाई
बापूरो बेचारा, अत्यंत गरीब
मिताई मित्रता
जोग योग्य
ओछे नीच स्वभाव के लोग
नरन मनुष्य
बैर दुश्मनी
स्वान कुत्ता
दोऊ दोनों
भाँति की तरह
नीकी अच्छी
फीकी बेकार स्वादहीन
बखत समय
सुहात अच्छा लगना
करतब कर्तव्य
तेते उतना
पसारिए फैलाइए
जेतो जितनी
सौर चादर
कारज कार्य
काहे क्यों
अधीर बेसब्र
तरूवर वृक्ष
केतक कितना भी
नीर पानी
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए
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कौवे की आवाज कैसी होती है?
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कोयल संसार को कैसे अपना बना लेती है?
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साधु के स्वभाव की तुलना किससे की गई है?
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सूप क्या करता है?
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सार - सार को ग्रहण कौन करता है?
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चिंता मुक्त कौन हो जाते हैं?
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कवि के अनुसार बड़ा मनुष्य कौन है?
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सुदामा का मित्र कौन था?
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कृष्ण ने किसके साथ मित्रता निभाई?
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कवि के अनुसार दूसरों की भलाई करने वाले लोग कैसे होते हैं?
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अच्छी बात भी बेकार कब लगने लगती है ?
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शृंगार रस कब अच्छा नहीं लगता?
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मनुष्य को क्या देखकर अपना कम करना चाहिए ?
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पाठ के कवि का नाम लिखें ।
उत्तर संकेत
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए -
1. कर्कश
2. मीठा बोलकर
3. सूप से
4. अच्छी/ काम की वस्तुओं को अपने पास रखता है।
5. सज्जन व्यक्ति
6. सांसारिक इच्छा से मुक्त व्यक्ति
7. जो दूसरों की भलाई करता है।
8. कृष्ण
9. अपने मित्र सुदामा के साथ
10. सज्जन प्रकृति के होते हैं ।
11. बिना अवसर के कहने पर ।
12. युद्ध के समय ।
13. सामर्थ्य देखकर ।
14. कबीर , रहीम , एवं वृंद |